AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


ज्ञानं न तर्को न समाधियोगो न देशकालौ

न गुरूपदेशः।

स्वभावसंवित्तिरहं च तत्त्वमाकाशकल्पं सहजं

ध्रुवं च।।58।।