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AVADHUTA GITA
निरामयं निष्प्रतिमं निराकृतिं निराश्रयं निर्वपुषं निराशिषम्।निर्द्वन्द्वनिर्मोहमलुप्तशक्ितकं तमीशमात्मानमुपैति शाश्वतम्।।31।।