AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


अवधूत उवाच

रथ्याकर्पटविरचितकन्थः

पुण्यापुण्यविवर्जितपन्थः।

शून्यागारे तिष्ठति नग्नो

शुद्धनिरञ्जनसमरसमग्नः।।1।।

[edit_node]