AVADHUTA GITA

AVADHUTA GITA


केवलतत्त्वनिरन्तरसर्वं

योगवियोगौ कथमिह गर्वम्।

एवं परमनिरन्तरसर्व

मेवं कथमिह सारविसारम्।।7।।

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