श्रीमद् भगवद्गीता

मूल श्लोकः

मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु।

मामेवैष्यसि सत्यं ते प्रतिजाने प्रियोऽसि मे।।18.65।।